हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है. साल में कुल 24 एकादशी होती हैं. योगिनी एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे विशेष रूप से पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
इस साल योगिनी एकादशी की तिथि 1 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 2 जुलाई, दिन को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, इस साल 2 जुलाई को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से दोगुना फायदा होता है. योगिनी एकादशी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 56 मिनट से शूरू होगा और दोपहर 2 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. इस दौरान पूजा करने से लाभ मिलेगा. 3 जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत का पारण होगा.
योगिनी एकादशी व्रत की तैयारी एक दिन पहले दशमी तिथि से शुरू होती है. एकादशी के दिन सुबह नहाने के बाद भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पूजा के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को फूल, धूप, दीपक अर्पित करें. पूजा में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ है और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें.
योगिनी एकादशी के बारे में कई धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस एकादशी का महत्व इतना अधिक है कि इसके व्रत के पुण्य के बराबर अन्य कोई व्रत नहीं माना जाता. इसे व्रत करने से व्यक्ति को पितृ दोष और ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है.
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