हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का खास महत्व होता है. यह व्रत शादीशुदा महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून को रात 7 बजकर 54 मिनट पर होगी और समापन 6 जून को शाम 6 बजकर 07 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस बार वट सावित्री का व्रत 6 जून को ही रखा जाएगा.
वट सावित्री का पूजा का शुभ मुहूर्त 6 जून सुबह 08:56 से लेकर सुबह 10:37 तक रहेगा. इस दिन सुबह उठकर नहाने के बाद पूजा करें. सूर्यदेव को अर्घ्य देना न भूलें. इसके बाद बांस की टोकरी में पूजा का सारा सामान रखें और बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाएं और फल और फूल अर्पित करें. रोली से वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा जरूर करें और वट सावित्री की व्रत कथा सुनना न भूलें.
वट सावित्री के दिन लहसुन- प्याज और मांस-मछली खाने से परहेज करें. साथ ही, इस दिन मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए. वट सावित्री के दिन सात्विक खाना खाएं.
व्रत के दिन दान करना शुभ माना जाता है. इसलिए वट सावित्री के दिन अन्य विवाहित महिलाओं को सुहाग का सामान दान करें. सुहाग के सामान में चूड़ी, साड़ी, बिंदी, मेहंदी जैसी चीजें जरूर शामिल करें.
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