Tusu Festival: देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है लेकिन झारखंड में इसके साथ टुसू पर्व भी मनाया जाता है. ये पर्व 15 दिसंबर से शुरू हो जाता है और इसे मकर संक्रांति के दिन तक मनाते है. इस त्योहार को ठंड में फसल काटने के बाद मनाया जाता है.
टुसू पर्व को पूरे कूड़मी और आदिवासी समुदाय के लोग नाच-गानों के साथ धूम-धाम से मनाते हैं. इस दिन सुबह नदी में स्नान करने के बाद टुसू की पूजा की जाती है और नए साल में सुख-समृद्धि की कामना की जाती है.
माना जाता है कि टुसू एक गरीब कुर्मी किसान की बेटी थी, जिसकी सुदंरता के खूब चर्चे थे. इसकी जानकारी राजा तक पहुंची तो कन्या को पाने के लिए राजा ने षड्यंत्र रचा. राजा ने भीषण अकाल का लाभ लेते हुए ऐलान किया कि किसानों को लगान देना ही होगा.
जिसके बाद टुसू ने किसानों का एक संगठन बनाया और फिर किसानों और राजा के सैनिकों के बीच युद्ध हुआ. जब टुसू को राजा के सैनिक गिरफ्तार करने के लिए पहुंचे वह उफनती नदी में कूदकर शहीद हो गई. तभी से इस पर्व को टुसू की कुरबानी की याद में मनाया जाने लगा.
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