Holi Celebration in India: होली को लेकर भारत भर में कई तरह की प्रचलित परंपराए देखने को मिलती हैं. उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में होली की काफी धूम रहती है. कहीं कहीं तो होली का उत्सव पूरे एक महीने तक चलता है... हालांकि इसी कुमाऊं में कुछ इलाके ऐसे हैं जहां होली को अपशकुन माना जाता है. यहां कुछ लोग इसे लेकर हुई घटनाओं को देवताओं के श्राप तो कुछ अनहोनी की आशंका से जोड़ते हैं और इसी का असर है कि यहां के लोग होली नहीं मनाते हैं.
पिथौरागढ़ जिले की तीन तहसील धारचूला, मुनस्यारी और डीडीहाट के करीब 100 गांव ऐसे हैं जहां होली नहीं मनाई जाती है. यह मिथक पूर्वजों के वक्त से चला आ रहा है. डीडीहाट के दूनाकोट क्षेत्र में लोग होली को अपशकुन मानते हैं, वहीं धारचूला के गांवों में छिपला केदार की पूजा की वजह से लोग होली नहीं मनाते हैं.
बुजुर्गों का मानना था कि कई गांव शिव के पावन धाम छिपला केदार में स्थित हैं और इसी वजह से शिव की भूमि पर रंगों का प्रयोग वर्जित है. वहीं, गढ़वाल मंडल के कुछ गांववाले देवी के प्रकोप के डर की वजह से होली नहीं मनाते हैं.
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