Golden Temple: चौथे सिख गुरु रामदास के प्रकाश पर्व के अवसर पर अमृतसर का स्वर्ण मंदिर खूबसूरत रोशनी में नहाया दिखा. प्रकाश पर्व के अवसर पर गोल्डन टेम्पल में आधी रात को खूबसूरत आतिशबाज़ी की गई. इस मौके पर लाखों श्रद्धालु गोल्डन टेम्पल पहुंचे और श्री दरबार साहिब में मत्था टेका और ‘सारो’ में आस्था की पवित्र डुबकी भी लगाई
सिख धर्म में, गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व को विशेष धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व उनके जन्म दिवस को याद करता है और सिख समुदाय में आनंद और उत्साह का माहौल पैदा करता है. गुरु रामदास जी गुरु अर्जुन देव जी के पिता थे और गुरु अमरदास जी के पोते थे. उन्होंने सिख धर्म के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और धर्म की सेवा की.
गुरु रामदास जी का जन्म 24 सितंबर, 1534 को वाराणसी में हुआ था। उन्होंने सिख समुदाय के लिए समृद्ध और सामर्थ्यपूर्ण संस्थानों की स्थापना की और धार्मिक सामाजिक सुधारों में योगदान दिया। उन्होंने अमृतसर में हरमंदिर साहिब, जो गोल्डन टेम्पल के रूप में प्रसिद्ध है, की नींव रखी. उन्होंने इसे सिख समुदाय के धार्मिक और सामाजिक केंद्र के रूप में स्थापित किया।