विवाहित महिलाओं के लिए गणगौर पूजा का खास महत्व होता है. यह त्योहार राजस्थान, हरियाणा, मालवा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मनाया जाता है. यह त्योहार होली के अगले दिन यानी चैत्र के पहले दिन से शुरू होता है और 16 दिनों तक चलता है. चलिए जानते हैं कब है गणगौर पूजा.
पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अप्रैल को शाम 05 बजकर 32 मिनट से शुरु होगा और अगले दिन 11 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट पर होगा. इसलिए उदया तिथि के अनुसार इस साल गणगौर पूजा 11 अप्रैल को की जाएगी.
गणगौर का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है. गण यानी कि भगवान शिव और गौर का अर्थ गौरी है. इसलिए इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते हैं.
चर-सामान्य- सुबह 06:06 मिनट से लेकर सुबह 07:41 मिनट तक है.
लाभ-उन्नति - सुबह 07:41 मिनट से लेकर 09:15 मिनट तक है.
अमृत-सर्वोत्तम - सुबह 09:15 मिनट से लेकर 10:49 तक है.
शुभ-उत्तम - दोपहर 12:24 मिनट से लेकर 01:58 तक है.
चर-सामान्य - दोपहर 05:07 मिनट से लेकर 06:41 तक है.
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