Tulsi Vivaah 2022: कब है तुलसी विवाह? देवोत्थान एकादशी पर चार महीनों बाद फिर शुरू होंगे मंगल कार्य

Updated : Nov 02, 2022 14:03
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Editorji News Desk

Tulsi Vivaah 2022: हिंदी कैलेंडर में त्योहारों के लिहाज़ से कार्तिक मास को बेहद अहम और ख़ास माना गया है, इस महीने में लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2022) भी आती है. हिंदी पंचांग में कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस साल देवउठनी एकादशी 5 नवंबर, शनिवार को मनाई जा रही है.

देवउठनी एकादशी का महत्व

देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास का भी समापन हो जाता है इसीलिए भी इस एकादशी को विशेष माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, चातुर्मास में भगवान विष्णु आराम करते हैं. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवता शयन को जाते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन योग निद्रा से जगते हैं, इसी के साथ चातुर्मास भी समाप्त हो जाता है. इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है. हरि के जागने के बाद चार महीनों से स्थगित शुभ और मांगलिक कार्य पुन: शुरू हो जाते हैं. 

तुलसी विवाह का महत्व

देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है. इस दिन तुलसी की शालिग्राम से शादी की जाती है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु के नौवें अवतार भगवान कृष्ण ने एकादशी को देवी वृंदा (तुलसी) से विवाह किया था. इसीलिए देव उठनी एकादशी को विवाह के लिए भी शुभ माना जाता है. 

इस दिन देश की नदियों में स्नान का भी काफी महत्व है. गंगा घाटों पर श्रद्धालु सुबह-सुबह स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं.

Puja muhuratekadashitulsi

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