Dev Deepawali 2023: यूं तो दिवाली से ठीक 15 दिन बाद यानि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाती है. लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले मनाई जाएगी, जबकि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान देव दीपावली की अगली सुबह किया जाएगा. ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता धरती पर आते हैं और दिवाली मनाते हैं.
पंचांग के अनुसार, 26 नवंबर रविवार के दिन दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है और अगले दिन 27 नवंबर को दोपहर 2 बजर 45 मिनट पर समाप्त हो रही है. चूंकि, देव दीपावली को प्रदोष काल में मनाया जाता है और 27 नवंबर को पूर्णिमा की तिथि दोपहर में समाप्त हो रही है, इसीलिए देव दीपावली 26 नवंबर को मनाया जाएगा जबकि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान-दान अगली सुबह यानि 27 नवंबर को किया जाएगा.
धार्मिक महत्व के अनुसार देव दीपावली के दिन देवी-देवता गंगा नदी के तट पर पवित्र स्नान करने के लिए आते हैं. इस दिन काशी नगरी में एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है. हर ओर सुंदर सजावट की जाती है और गंगा घाट को मिट्टी के दीयों से और रंगबिरंगी एलईडी लाइट से रोशन किया जाता है. गंगा घाट पर लेजर लाइट शो का भी आयोजन किया जाता है. शाम के समय दीयों से जगमगाते गंगा घाट का भव्य नज़ारा वाकई देखने वाला होता है.
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है. साथ ही हवन, दान, जप, तप जैसे धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है. विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था.