Anvadhan and Ishti 2023: हिंदू धर्म में अन्वधान और इष्टी ख़ास दिन है और इन दोनों को भगवान विष्णु (Vishnu ji) के अनुयायी यानि वैष्णव संप्रदाय या वैष्णववाद का पालन करने वाले लोग मनाते हैं.
पूर्णिमा की रात, चंद्र के पूर्ण होने पर इष्टी मनाते हैं और अमावस्या की अगली रात जब चांद नया होता है तब अन्वधान होता है. ये दोनों दिन साल भर के हर महीने में आते हैं
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की 17 जून को अन्वधान पड़ रहा है.
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की 18 जून को इष्टी है.
वैष्णव संप्रदाय को वैष्णववाद के नाम से जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक संप्रदाय है जो भगवान विष्णु को सर्वोच्च शक्ति के रूप में मानता है. भगवान विष्णु उन देवताओं में से एक हैं जो हिंदू त्रिमूर्ति बनाते हैं, अन्य दो देवता ब्रह्मा और महेश यानि भगवान शिव हैं. ब्रह्मा को सृष्टिकर्ता, विष्णु को रक्षक और शिव को संहारक माना जाता है.
लेकिन वैष्णवों के लिए, उनकी दुनिया विष्णु के इर्द-गिर्द घूमती है. भगवान विष्णु के अलग-अलग अवतारों को दशावतारम के रूप में मनाया जाता है. वह पहले ही नौ अलग-अलग रूपों में प्रकट हो चुके हैं और अब माना जाता है कि वे यानि कलियुग में कल्कि के रूप में आने वाले हैं.
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