Microplastic: खाने पीने की चीज़ों के प्लास्टिक (Plastic) के पैकेट को आप किस तरह खोलते हैं? ऐसे? कॉर्नर से थोड़ा सा फाड़कर अलग कर देते हैं? ज़्यादातर लोग ऐसे ही करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उस छोटे प्लास्टिक के पार्ट का क्या होता है? और इसी तरह से 100, हज़ार और लाखों छोटे प्लास्टिक मिलकर कितना प्लास्टिक इक्ट्ठा करते हैं?
इसी तरह के छोटे प्लास्टिक को माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है. नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक 0.2 इंच यानि 5 मिलीमीटर से छोटे प्लास्टिक के कण होते हैं. देखने में इनका साइज़ एक तिल के बराबर भी हो सकता है.
प्लास्टिक हमारे और हमारे पर्यावरण के लिए कितना ख़तरनाक है ये तो हम जानते ही हैं. लेकिन माइक्रोप्लास्टिक भी कुछ कम हानिकारक नहीं है. ये हमारी सेहत से लेकर पृथ्वी तक की सेहत पर बुरा असर डालते हैं.
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हमारे घरों से और फैक्ट्रीज़ से प्लास्टिक निकलकर अलग-अलग रास्तों से होकर लास्ट में समुद्र पहुंच जाता है. समुद्र तक पहुंचते-पहुंचते प्लास्टिक के और भी छोटे टुकड़े हो जाते हैं. जिन्हें मछलियां और समुद्री जीव खा लेते है.
रॉयल मेलबोर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (RMIT) यूनिवर्सिटी और हैनान यूनिवर्सिटी के एक लैब-बेस्ड स्टडी की मानें तो प्लास्टिक के छोटे 12.5 फीसदी कण मछलियों तक पहुंच जाते हैं जो उन्हें खाना समझकर निगल जाती हैं.
इससे उन्हें तो नुकसान होता ही है, साथ ही अगर कोई इंसान सी-फूड खाता है तो माइक्रोप्लास्टिक के कण उसके शरीर में भी आ सकते हैं. साथ ही पानी के साथ भी इंसान के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक आ सकता है.
रोज़ाना घर में हम जिन चीज़ों का इस्तेमाल करते हैं उनमें भी माइक्रोप्लास्टिक के कण होते हैं. टूथपेस्ट से लेकर फेस स्क्रब, साबुन, डिटरजेंट और यहां तक कि कॉस्मेटिक में भी माइक्रोप्लास्टिक की मिलावट की जाती है, जिनके इस्तेमाल से ये स्किन के अंदर भी जाते हैं और ऊपर भी रहते हैं और नहाने के पानी के द्वारा समुद्र तक पहुंच जाते हैं.
कपड़ों की बात करें तो सिंथेटिक कपड़ों में माइक्रोप्लास्टिक होता है. साथ ही नायलॉन, स्पैन्डेक्स, एसीटेट, पॉलिएस्टर, ऐक्रेलिक, रेयॉन आदि में भी माइक्रोप्लास्टिक होता है. जब हम इन्हें धोते हैं तो इनके रेशे पानी के साथ बह जाते हैं और अंत में ये समुद्र में ही जा मिलते हैं.
वैसे तो प्लास्टिक और माइक्रोप्लास्टिक की समस्या को जड़ से ख़त्म करना एक बहुत बड़ा चैलेंज है, लेकिन हम सभी अपने लेवल पर कोशिश कर सकते हैं कि कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करें और माइक्रोप्लास्टिक जनरेट होने से रोकें.
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