जब भी भारत के शूर वीर योद्धाओं को याद किया जाता है, तो उनमें महाराणा प्रताप का नाम भी शामिल होता है. महाराणा प्रताप एक निडर योद्धा थे. उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है, जिसे आज भी लोग याद करते हैं. हर साल 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है. चलिए जानते हैं कौन थे महाराणा प्रताप.
महाराणा प्रताप सिंह मेवाड़ के राजा थे. उनका जन्म साल 1540 में हुआ था. जिन्होंने मुगलों के राजा अकबर के साथ गठबंधन बनाने से इंकार कर दिया था, लेकिन महाराणा प्रताप ने अकबर को हल्दी घाटी के युद्ध में हराया था.
कहा जाता है कि चेतक महाराणा प्रताप का सबसे पसंदीदा घोड़ा था. चेतक की रफ्तार के आगे बाकि घोड़े फीके पड़ जाते थे. कहा जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की जान चेतक ने ही बचाई थी. हुआ कुछ यूं था कि इस युद्ध में महाराणा को बेहद चोटें आई थीं. युद्ध में उनके अन्य सहायक भी घायल हो गए थे, जिसके कारण उनके पास केवल चेतक ही था. ऐसे में उन्होंने चेतक पर सवारी की और अपने स्थान के लिए निकल गए, लेकिन उनके पीछे मुगल सैनिक भी थे. पर चेतक की रफ्तार के आगे कोई नहीं बढ़ सका. चेतक घायल होने के बावजूद भी पहाड़ी नाले को पार कर सभी सैनिको को पीछे छोड़ गया, लेकिन इसके चेतक सही से दौड़ नहीं पा रहा था और वह खुद शहीद हो गया.
इस दिन महाराणा प्रताप की याद में कई जगहों पर विशेष रूप से पूजा की जाती है. देश के कई हिस्सों में इस खास दिन पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं. यही नहीं, इस दिन लोग उदयपुर स्थित उनका स्टैचू देखने भी जाते हैं. इसके अलावा, राजा की विरासत का सम्मान करने के लिए परेड और धार्मिक काम भी होते हैं.
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