Jagannath Puri Rath Yatra 2023: रथ यात्रा एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान जगन्नाथ यानि श्री कृष्णा खुद जनता के बीच भ्रमण के लिए आते हैं. हर साल आषाढ़ के महीने में भगवान जगन्नाथ (Jagannath) की रथ यात्रा ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर से निकाली जाती है.
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1. ये रथ नीम की लकड़ी से बनाए जाते हैं और इन्हें बनाने में कील या किसी अन्य धातु का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
2. जिस लकड़ी से रथ बनाए जाते हैं उस लकड़ी को चुनने की प्रक्रिया बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है.
3. रथों को बनाने की प्रक्रिया अक्षय तृतीया से शुरू कर दी जाती है.
4. तीनों भगवान के रथों के रंग भी अलग-अलग होते हैं जगन्नाथ जी का रथ लाल-पीला, बलराम जी का लाल-हरा और सुभद्रा जी का रथ लाल-काले रंग का होता है.
5. भगवान के रथों के नाम भी रखे गए हैं जैसे जगन्नाथ यानि श्री कृष्ण जी के रथ को नंदीघोष, बलराम जी के रथ को तालध्वज और सुभद्रा जी के साथ को देवदलन कहा जाता है.
6. जगन्नाथ जी की यात्रा निकलने के बाद वो कुछ दूरी पर स्तिथ अपने मौसी के घर जिसे गुंडीचा मंदिर कहा जाता है वहां कुछ दिन विश्राम करते हैं.
7. भगवान के रथ हल्की लकड़ी से बनाए जाते हैं ताकि उनका वज़न ज़्यादा ना हो और वो आसानी से खींचे जा सकें.
8. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति रथ यात्रा में शामिल होकर रथ को खींचता है उसको सौ यज्ञ करने बराबर पुण्य मिलता है.