कैंसर की बीमारी इंसान को अंदर से कमोजर कर देती है. जब सर्वाइकल कैंसर का पहली बार पता चलता है, तो कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी से इसका इलाज किया जाता है. चलिए जानते हैं क्या है सर्वाइकल कैंसर और इसके कारण.
ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर में सर्विक्स में सेल्स की ग्रोथ होने लगती है. यह यूट्रस का निचला हिस्सा है, जो वेजाइना से जुड़ा हुआ होता है.
सर्वाइकल कैंसर का कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) है. यह एक सेक्सुअली ट्रांसमिट डिजीज है. बता दें कि तम्बाकू खाने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.
सर्वाइकल कैंसर का शुरुआत में पता नहीं चलता है. सर्वाइकल कैंसर के सामान्य लक्षणों में वेजाइना से खून निकलना, पेल्विक पेन, सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द और वेजाइनल डिस्चार्ज में गंदी बदबू शामिल है.
एडिटरजी में हमने गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. लक्ष्मी रमन से बात की, जिन्होंने हमें सर्वाइकल कैंसर से बचाव का तरीका बताया है. उन्होंने हमें बताया कि "सर्वाइकल कैंसर का इलाज कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है. आमतौर पर शुरुआती स्टेज में यह रेडिएशन या कीमोथेरेपी के साथ रेडिकल सर्जरी का कॉम्बिमेशन होता है. बाद के स्टेजेस में आमतौर पर रेडिएशन, कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी के साथ मैनेज की जाती है।"
"हालांकि कैंसर से बचने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए रेगुलर PAP Smear टेस्ट, एचपीवी टेस्ट और एचपीवी वैक्सिनेशन लगवाना जरूरी है. इसके अलावा, कॉडम का इस्तेमाल करना शामिल है.
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