देश में मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) को कम करने के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. हाल ही में एक RTI के अंतर्गत दिल्ली के चार बड़े अस्पतालों AIIMS, राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और सुचेता कृपलानी ने जनवरी 2015 से लेकर सितंबर 2021 तक डिलीवरी के बाद महिलाओं की मौत का आंकड़ा साझा किया है(Govt. schemes).
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इन सब अस्पतालों में इस अवधि के दौरान कुल 1,281 महिलाओं की मौत डिलीवरी के बाद हुई. 2015 से लेकर 2021 तक दिल्ली के इन चार अस्पतालों में 2.73 लाख बच्चों का जन्म हुआ.
सफदरजंग अस्पताल में इस अवधि में 1.68 लाख बच्चे पैदा हुए और 943 महिलाओं की मौत डिलीवरी के बाद हुई. हालांकि अस्पताल ने मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं किया.
सबसे कम मातृ मृत्यु दर AIIMS का रहा. AIIMS में जनवरी 2015 से लेकर जुलाई 2021 तक 29 महिलाओं की मृत्यु डिलीवरी के बाद हुई.
जनवरी 2015 से लेकर सितंबर 2021 के बीच राम मनोहर लोहिया में 59 और सुचेता कृपलानी में मौत का आंकड़ा 250 रहा.
इस आंकड़े में महिलाओं की मौत का कारण एनीमिया, ब्लड इंफेक्शन, सांस लेने में दिक्कत, टीबी और कोरोना की वजह से होने वाली कॉम्प्लिकेशन बताया गया. हार्ट अटैक, सेप्टिक स्ट्रोक, इंफेक्शन और ज़्यादा ब्लीडिंग भी मौत के कारण रहे.
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रजिस्टरार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा जारी स्पेशल बुलेटिन के अनुसार 2017-19 के बीच मातृ मृत्यु दर 103 रहा जबकि 2016-18 में ये दर 113 था. केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, एनीमिया मुक्त भारत अभियान, जननी सुरक्षा योजना आदि योजनाएं मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाई जा रही हैं.
PTI Bhashaजारी RTI से लिए गए आंकड़े.