Obesity: कुपोषण के साथ मोटापा बनी गंभीर समस्या, 32 साल में हुई मोटापे की दर चौगुनी 

Updated : Mar 01, 2024 14:07
|
Editorji News Desk

‘द लांसेट’ मैग्जीन में छपे एक ग्लोबल एनालिसिस में बताया गया है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या 1 अरब से ज्यादा हो गई है. रिसचर्स ने 190 से ज्यादा देशों के 5 से अधिक उम्र के 22 करोड़ लोगों के वजन और लंबाई का विश्लेषण किया. बता दें कि साल 1990 के बाद से कम वजन वाले लोगों की संख्या कम हो रही है और मोटापा एक गंभीर समस्या बन रहा है.

एक्सपर्ट का कहना

ब्रिटेन के ‘इंपीरियल कॉलेज लंदन’ के प्रोफेसर माजिद इज्जती ने कहा, ‘‘यह बहुत चिंताजनक है कि मोटापे की महामारी जो 1990 में दुनिया के अधिकतर हिस्सों में वयस्कों में साफ नजर आती थी. अब स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों में भी दिखाई देती है.’’
इज्जती ने कहा, ‘‘इसके अलावा, खासकर दुनिया के कुछ सबसे गरीब हिस्सों में करोड़ों लोग अब भी कुपोषण से पीड़ित हैं. कुपोषण के दोनों रूपों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम स्वस्थ एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ाएं और इसे किफायती बनाएं.

रिसचर्स  ने बीएमआई का एनालिसिस किया कि 1990 से 2022 के बीच, दुनिया भर में मोटापे और सामान्य से कम वजन की समस्या में क्या बदलाव देखने को मिला. 

इस स्टडी में पाया गया कि ग्लोबल लेवल पर लड़कियों और लड़कों में मोटापे की दर  चार गुना से अधिक हुई. साथ ही, सभी देशों में यही चलन है. 

रिसचर्स  ने बताया कि सामान्य से कम वजन वाली लड़कियों का अनुपात 1990 में 10.3 प्रतिशत से गिरकर 2022 में 8.2 प्रतिशत हो गया. वहीं, लड़कों का अनुपात 16.7 प्रतिशत से गिरकर 10.8 प्रतिशत हो गया है.

रिसर्च में कहा गया है कि वयस्कों में मोटापे की दर महिलाओं में दोगुनी से अधिक और पुरुषों में लगभग तिगुनी हो गई. रिसर्च के अनुसार, 2022 में 15 करोड़ 90 लाख बच्चे एवं किशोर और 87 करोड़ 90 लाख वयस्क मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं.

रिसर्च के अनुसार 1990 से 2022 तक विश्व में सामान्य से कम वजन वाले बच्चों और किशोरों की संख्या में कमी आई है. दुनियाभर में समान अवधि में सामान्य से कम वजन से जूझ रहे वयस्कों का अनुपात आधे से भी कम हो गया है. यह रिसर्च पिछले 33 साल में कुपोषण के दोनों रूपों संबंधी वैश्विक रुझानों की विस्तृत तस्वीर पेश करता है.

उन्होंने कहा कि लड़कियों में सामान्य से कम वजन की दर में कमी 44 देशों में देखी गई, जबकि लड़कों में यह गिरावट 80 देशों में देखी गई।

32 साल में हुई मोटापे की दर चौगुनी 

एनसीडी-रिस्क और डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल डेटा एनालायसिस के मुताबिक दुनियाभर के बच्चों और अडल्ट्स में 2022 में मोटापे की दर 1990 की दर से चौगुनी रही.

यह भी देखें: Weight Loss Drink: बढ़ते वजन ने कर दिया है परेशान? यह पानी दिखाएगा कमाल

weight gain

Recommended For You

editorji | लाइफ़स्टाइल

Egg Recipe: अदिति राव हैदरी ने शेयर की अंडे की ये स्पेशल रेसिपी, ब्रेकफास्ट के लिए है परफेक्ट

editorji | लाइफ़स्टाइल

Jackfruit Day 2024: पहली बार इस आइलैंड में की गई थी कटहल उगाने की कोशिश, यहां से लिया गया फल का नाम

editorji | लाइफ़स्टाइल

गुजराती रस्म के लिए राधिका ने पहना पिंक बांधनी लहंगा, खूबसूरती देख रह आप भी हो जाएंगे कायल

editorji | लाइफ़स्टाइल

अनंत और राधिका की शादी की रस्म में ईशा और श्लोका का दिखा ट्रेडिशनल लुक, चुराई लाइमलाइट

editorji | लाइफ़स्टाइल

Ashadha Gupt Navratri 2024: जानें गुप्त नवरात्रि में किस वाहन पर सवार होकर आएंगी माता रानी