Light Pollution: प्रदूषण के नाम पर हमारे दिमाग में वायु, ध्वनि या जल प्रदूषण (water pollution) सबसे पहले आता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाइट पॉल्यूशन क्या होता है?
रौशनी के कारण जो पॉल्यूशन होता है उसे लाइट पॉल्यूशन कहा जाता है. आजकल एडवर्टाइजिंग, फैक्ट्रीज़, स्ट्रीटलाइट, ऑफिस, स्टेडियम और कई सारे इंटीरियर को बनाने में अर्टिफिशियल लाइट का इस्तेमाल किया जाता है. जब ज़रूरत से ज़्यादा इसका इस्तेमाल होता है तो इंसान की आंखे अर्टिफिशियल और नेचुरल लाइट में फर्क नहीं कर पाती हैं.
ये लाइट बहुत चमकीली होती है जिसकी वज़ह से कई बार हमें रात को नींद नहीं आती है और घरों को इस तरह से बनाया जाता है कि नैचुरल लाइट ना आने के कारण सुबह हमारी नींद नहीं खुलती. अगर आपने ध्यान दिया हो तो अधिकतर जगह कम लाइट में भी काम चलाया जा सकता है लेकिन फिर भी ज़रूरत से ज़्यादा अर्टिफिशियल लाइट का इस्तेमाल किया जाता है जिसके आने वाले समय में इंसान, जानवरों और पक्षियों पर बुरा असर पड़ सकता है.
बड़ी बड़ी इमारतों में हज़ारों लाइट्स जलती हैं जिसके कारण से चिड़िया और अन्य कई जीवों को समस्या होती है. लाइट्स से हमारी आंखों पर लगातार स्ट्रेस पड़ता है जिससे कारण सिर दर्द और आंखों से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. इसके अलावा लाइट्स में रहने की आदत हो जाने के कारण थोड़ी देर के लिए भी अंधेरा होने पर हमें घबराहट होने लगती है.
इन सब नुकसान से बचने के लिए हमें लाइट का इस्तेमाल कम से कम करना बेहद ज़रूरी है.
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