लॉकडाउन और कोरोना में सोशल डिस्टेंसिंग ने हमें एक दूसरे से दूर कर दिया है. लोगों के बीच अब फिज़िकल कनेक्शन की जगह वर्चुअल कनेक्शन बढ़ गया है. NCBI नेशनल सेंटर फॉर बायोटैक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की एक रिसर्च के अनुसार लोगों के बीच की ये दूरी लोगों में स्ट्रेस और डिप्रेशन को बढ़ावा दे रही है. लोगों में मानसिक रोगों की बढ़ोतरी हुई है.
पहले लोग अपने करीबी दोस्तों, फैमिली से हाथ मिलाते या गले मिलते थे. गले मिलना एक स्वाभाविक क्रिया जरूर है लेकिन इसके कई मानसिक और शारीरिक फायदे भी हैं. M.D.PhD न्यूरोलॉजी इलीन रुहॉय के अनुसार गले मिलने से दो लोगों के बीच भावनात्मक तौर पर नजदीकियां बढ़ती हैं साथ ही एनर्जी एक्सचेंज होती है.
ये भी देखें - Valentine's Week: जानें किस दिन मनाया जाएगा कौन सा दिन
गले लगाने से पिट्यूटरी ग्लैंड में जमा ऑक्सीटॉसिन रिलीज़ होता है, जिसे 'लव हार्मोन' भी कहते हैं. सेरोटोनिन के साथ ऑक्सीटॉसिन के रिलीज़ होने से ये शरीर में कोर्टिसोल को कम करते हैं. जिससे तनाव कम होता है। गले मिलना फिज़िकल पेन को कम कर कार्डियोवैस्क्युलर हेल्थ को इंप्रूव करता है.
अभी कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए. सोशल डिस्टेंसिंग का ज़रूर ध्यान रखें. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा जारी SOP का पालन करें.