Red Ant Chutney: अब तक आपने कई तरह की चटनी खाई होंगी और देखी भी होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश नें लाल चींटी की भी चटनी बनाई जाती है और खूब चाव से खाई भी जाती है. हां आप सही पढ़ रहे हैं.
इतना ही नहीं अब लाल चींटी की चटनी को GI टैग भी मिल गया है. इस तीखी चटनी को 2 जनवरी, 2024 को भौगोलिक संकेत टैग (Geographical Indication tag) मिला. इसके अलावा 2018 में ब्रिटिश शेफ गॉर्डन रामसे ने भी इसे 'स्वादिष्ट' बताया था.
ये चटनी सिर्फ ओडिशा ही नहीं बल्कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के ट्राइबल लोगों के बीच भी काफी मशहूर है. इसे बनाने के लिए लाल चींटियों को कुछ नारियल, लाल मिर्च, नमक, लहसुन, पुदीना और धनिया के साथ बनाया जाता है.
ओडिशा और छत्तीसगढ़ में स्थानीय लोग यह चटनी बनाते हैं. वहां के लोग सबसे पहले घोंसलों की सुरक्षा कर रहे नर चींटियों से छुटकारा पाते हैं. इसके बाद, वे अंडे देने वाली मादा चींटियों की ओर बढ़ते हैं. आदिवासियों का मानना है कि यह चटनी फ्लू, सर्दी और थकान को ठीक करती है.
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