Durga Puja 2023: इस साल श्यामबाजार के पल्ली संघ ने दुर्गा पूजा की थीम द्वारा सरोगेट मदर्स के दर्द को दिखाया है कि किस तरह वो इतने महीने कोख में बच्चे को रखने के बाद बच्चे से अलग हो जाती हैं और कैसे डिलीवरी के दौरान उन्हें भी दर्द से गुज़रना पढ़ता है.
जब बच्चा पैदा करने के लिए कोई कपल किसी और महिला की कोख किराए पर लेता है तो उस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है और जो मां अपनी कोख में 9 महीन तक बच्चे को पालती है उसे सरोगेट मदर कहते हैं.
कोलकाता के श्यामबाजार के पल्ली संघ में 1960 से पूजा होती आ रही है. बेहद कम बजट से शुरू हुई यह पूजा आज उत्तरी कोलकाता की प्रमुख पूजाओं में से एक है. हर साल की तरह इस साल की पूजा की थीम भी एक सामाजिक संदेश है.
इस वर्ष कलाकार संदीप साहा मंडप सजा रहे हैं.
मंडप की एंट्री पर आप 'मां' को बैठे हुए और चील को अपने बच्चे को मुंह में लिए हुए देख सकते हैं. सरोगेसी भी कुछ ऐसा ही है और यह पूजा 'सरोगेट मदर' के भावनात्मक दर्द को सामने लाने की कोशिश कर रही है.