चक्रवाती तुफान 'बिपरजॉय' पिछले एक हफ्ते से लोगों के अंदर चर्चा का विषय बना हुआ है. हर किसी की निगाह इसी पर टिकी है. इसके साथ ही एक शब्द और चर्चा में है, वह है 'लैंडफॉल'. हर कोई इस शब्द का इस्तेमाल कर रहा है.
क्या आपको पता है कि आखिर लैंडफॉल होता क्या है. आपको बता दें कि लैंडफॉल (landfall) का मतलब है 'जमीन पर गिरना', अर्थात भयानक और तेजी से भरा हुआ तूफान जब समुद्र तल से टकराता है तो ये स्थिति ही लैंडफॉल कहलाती है. इस वक्त तूफान बारिश और हवा के रूप में जमीन पर अपना रौद्र रूप दिखाने लगता है.
मौसम वैज्ञानिक बीपी यादव बताते हैं कि जब चक्रवाती तूफान के लैंडफॉल का वक्त आता है तो हवा की स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा या उससे भी ज्यादा होती है. जिसकी वजह से भूस्खलन, हाई टाइड और बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है. यह इतनी ताकतवर होती है कि सामने पड़ने वाले किसी भी चीज को अपने साथ उड़ाकर ले जाती है.
यही वजह है कि तूफान के वक्त मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका जाता है. क्योंकि इस दौरान समुंद्र में ऊंची लहरें उठती हैं, जिसकी चपेट में आने से बचने की संभावना बिल्कुल खत्म हो जाती है.
चक्रवात से होने वाले खतरे को देखते हुए अब तक 94 हजार से ज्यादा लोगों को तटीय इलाकों से रेस्क्यू किया गया है. एहतियातन गुजरात में 15 जहाज और 7 एयरक्राफ्ट तैयार रखे हैं. NDRF की 27 टीमें भी तैनात हैं.
मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात के अलावा 10 अन्य राज्यों में इस तूफान का असर देखा जा रहा है. इनमें राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, लक्षद्वीप, केरल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय शामिल हैं. यहां के कई इलाकों में तेज हवाएं चल रही हैं और बारिश हो रही है.