International Bullion Exchange : जल्द ही ज्वैलर्स के लिए विदेशों से सोने का आयात करना आसान होने वाला है. शुक्रवार को पीएम मोदी (Narendra Modi) ने देश के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) का उद्घाटन किया. ये एक्सचेंज डीलर्स, रिफाइनरीज और विदेशी बैंकों को आकर्षित करेगा.
इस एक्सचेंज के जरिए बुलियन डिपॉजिटरी रिसीट्स के रूप में कारोबार होगा. इस एक्सचेंज को शंघाई गोल्ड एक्सचेंज और बोर्सा इंस्तांबुल की तर्ज पर स्थापित किया जा रहा है जो भारत को बुलियन के क्षेत्रीय हब के रूप में मजबूत करेगा. आइए जानते हैं कि क्या है बुलियन एक्सचेंज और ये काम कैसे करेगा?
बुलियन एक्सचेंज वह जगह होती है जहां सोना, चांदी का व्यापार वायदा बाजार से होता है. यह जगह गोल्ड या सिल्वर के इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है. बुलियन का मतलब फिजिकल गोल्ड या सिल्वर होता है, जिसे लोग 'बार' या किसी दूसरे तरह से अपने पास रखते हैं. कई बार बुलियन को लीगल टेंडर भी माना जाता है और रिजर्व बैंक के रिजर्व्स में भी बुलियन शामिल होता है. इंटरनेशनल इन्वेस्टर्स भी इसे अपने पास रखते हैं.
इस इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज के जरिए भारत में सोने-चांदी का आयात होगा. इसके अलावा घरेलू खपत के लिए बुलियन का इम्पोर्ट भी इसी एक्सचेंज से किया जा सकता है. इस एक्सचेंज के जरिए मार्केट में पैसा लगाने वालों को बुलियन ट्रेडिंग के लिए एक ट्रांसपेरेंट प्लेटफॉर्म मिल जाएगा. इसके जरिए सोने की क्वालिटी की गारंटी होगी.
ऐसा बताया जा रहा है कि शुरुआत में इंटनेशनल बुलियन एक्सचेंज में T+O सेटलमेंट के साथ 995 प्यूरिटी के लिए एक किलोग्राम और 999 प्यूरिटी के 100 ग्राम गोल्ड में ट्रेडिंग की जा सकती है. इस एक्सचेंज में सभी कॉन्ट्रैक्ट डॉलर में लिस्टेड है और उनका सेटलमेंट भी डॉलर होगा