23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट...ये महज एक समय नहीं बल्कि इतिहास का एक वो पल है जिसका गवाह पूरी दुनिया बनने जा रही है. दरअसल, इसी दौरान विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर टचडाउन का वक्त तय है. चांद की सतह तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया में 17 मिनट 21 सेकेंड का वक्त लगेगा जिसे वैज्ञानिक '17 मिनट्स ऑफ टेरर' कह रहे हैं.
ऐसा कहने के पीछे की वजह ये है कि इस अवधि के दौरान चंद्रयान-3 का लैंडर खुद से ही काम करेगा यानी कि उसे इस दौरान किसी भी तरह की कमांड नहीं दी जा सकेगी. लैंडर का टास्क ये है कि उसे खुद ही सही समय, सही ऊंचाई और सही मात्रा में ईधन का इस्तेमाल करते हुए चांद की सतह पर उतरना होगा और इस दौरान एक छोटी सी गलती भी अनगिनत उम्मीदों पर पानी फेर देगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक लैंडर में सभी कमांड्स को अपलोड कर दिया गया है.
Chandrayaan-3 Landing: आखिर क्यों 23 अगस्त को ही चंद्रयान-3 की लैडिंग के लिए चुना, जानिए वजह