सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को को चुनौती देने वाले मामले में 11 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगा.
इससे पहले, सितंबर माह में लगातार 16 दिनों तक सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई की थी.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह कोई सटीक समय सीमा नहीं दे सकती है और जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने में "कुछ समय" लगेगा, जबकि यह दोहराते हुए कि इसकी केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति "अस्थायी" है.
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