सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को शिरोमणी अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के संरक्षक रहे और पंजाब के पूर्व सीएम दिवंगत प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) के खिलाफ जारी समन (Summons) को खारिज (rejected) कर दिया है.
धोखाधड़ी ( forgery case) के एक मामले में दोनों के खिलाफ समन जारी हुआ था, जिसे रद्द करते हुए टॉप कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा इस मामले में समन जारी किया जाना और कुछ नहीं बस कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग का मामला है. इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने 11 अप्रैल को प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल और वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि प्रकाश सिंह बादल का दो दिन पहले बुधवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में 95 साल की उम्र में निधन हो गया था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत सिंह खेरा ने प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बलवंत सिंह ने बादल पर धोखाधड़ी, बेईमानी और तथ्य छिपाने के आरोप लगाए गए थे. खेरा ने 2009 में की शिकायत में कहा था कि शिरोमणि अकाली दल के दो संविधान हैं. एक संविधान उन्होंने गुरुद्वारा इलेक्शन कमीशन में रजिस्ट्रेशन के दौरान जमा कराया था, ताकि पार्टी को गुरुद्वारों के प्रबंधन का अधिकार मिल सके, जबकि दूसरा संविधान चुनाव आयोग के पास जमा है, ताकि राजनीतिक पार्टी का दर्जा मिल सके.