आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ मच गई. जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं. सभी घायलों को इलाज के लिए रुइया राजकीय सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दो दिनों के बाद मुफ्त दर्शन के टोकन देने के लिए काउंटर खोले गए थे. मुफ्त टोकन लेने के लिए मंदिर में भीड़ उमड़ पड़ी और हालात बेकाबू हो गए. हालांकि कुछ समय बाद वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने भगदड़ पर काबू पा लिया.
जानकारी के मुताबिक, यहां पर श्रद्धालु सर्व दर्शन टिकट लेने पहुंचे थे. इस कारण टिकट काउंटर पर भारी भीड़ जमा हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने जानकारी दी है कि मंगलवार को तीनों टिकट काउंटर पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए. भीड़ के कारण फैसला किया गया कि, श्रद्धालुओं को बिना टिकट दर्शन के लिए जाने दिया जाएगा.
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अच्छी बात यह है कि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है. लेकिन प्रबंधन के फैसले को लेकर कई सारे सवाल उठ रहे हैं. जाहिर है तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर में पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में जब प्रबंधन की तरफ से मुफ्त दर्शन के टोकन देने की बात हुई तो भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय पर चर्चा क्यों नहीं हुई. या उस दिशा में कोई रणनीति क्यों नहीं तैयार की गई. अगर यह बड़ा हादसा हो गया तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होता?