चुनाव में मुफ्त योजनाओं (Freebies) की घोषणा पर रोक की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 3 जजों की बेंच के पास भेज दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तृत सुनवाई जरूरी है. पूरे मामले में अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
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सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एन वी रमणा (Chief Justice NV Ramana) ने कहा कि इस मसले पर विशेषज्ञ कमिटी का गठन सही होगा. लेकिन उससे पहले कई सवालों पर विचार जरूरी है. साथ ही 2013 के सुब्रमण्यम बालाजी (Subramaniam Balaji) फैसले की समीक्षा भी जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि दो तरह के मुद्दे थे. पहला, चुनाव से पहले किया गया वादा और दूसरा निर्वाचित होने के बाद सरकार की ओर से लाई जाने वाली योजनाएं.
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कोर्ट ने कहा कि चुनावी लोकतंत्र (Democracy) में असली ताकत वोटर (Voter) होते हैं और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि चुनाव में वोटर ही राजनीतिक दलों (Political Parties) और उम्मीदवारों (Candidates) का फैसला करते हैं. ऐसे में आदेश पारित होने से पहले पक्षों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर व्यापक सुनवाई की जरूरत है.