Electoral Bonds: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) की जानकारी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक की मोहलत मांगी है. इससे पहले कोर्ट ने SBI को 6 मार्च 2024 तक इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देने को कहा था. इस पर कोर्ट में सीबीआई ने अर्जी दायर कर कहा है कि 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक विभिन्न पार्टियों को चंदे के लिए 22217 इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए गए हैं.
भुनाए गए बॉन्ड को हर फेज के आखिर में अधिकृत ब्रांच द्वारा सीलबंद लिफाफे में मुंबई स्थित मेन ब्रांच में जमा किए गए थे. SBI ने कहा कि दोनों सूचना साइलो की जानकारी इकट्ठा करने के लिए 44,434 सेटों को डिकोड करना होगा. ऐसे में 3 हफ्ते का समय पूरी प्रोसेस के लिए कम है.
आपको बता दें कि कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था और चुनाव आयोग से 13 मार्च तक इससे जुड़ी पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा था
चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों से 15 नवंबर तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले चंदे की जानकारी देने को कहा था. आयोग ने योजना की शुरुआत के बाद से अब तक राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विवरण मांगा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले चंदे के 30 सितंबर 2023 तक के आंकड़े सील बंद लिफाफे में पेश करे.
चुनाव आयोग ने 3 नवंबर को सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को पत्र लिखा है. आयोग ने उनसे प्रत्येक बॉन्ड के बदले दानदाताओं का विस्तृत विवरण साझा करने को भी कहा है.
Election Commission ने राजनीतिक दलों से मांगी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले चंदे की जानकारी