Sanjay Raut: दाऊद को फटकार लगाने वाले राउत की कैसे हुई राजनीति में एंट्री, क्यों छोड़ी क्राइम रिपोर्टिंग?

Updated : Aug 07, 2022 12:14
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Editorji News Desk

पात्रा चॉल जमीन घोटाले (Money laundering) में गिरफ्तार हुए शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) को लेकर सियासी हलचल तेज है. बाला साहेब से उद्धव ठाकरे के करीबी बने राउत कभी रिपोर्टिंग (Reporting) की दुनिया का बड़ा नाम हुआ करता था. अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग (crime Reporting) का एक्सपर्ट माने जाने वाले राउत दाऊद इब्राहिम से मुलाकात और उसे फटकार तक लगा चुके हैं. तो आखिर कैसे हुई एक क्राइम रिपोर्टर की राजनीति में एंट्री और वो कैसे बन गए शिवसेना की आवाज...जानें यहां सब कुछ

ये भी पढ़ें: Sanjay Raut: शिवसेना नेता राउत को जब उनके घर से ED हिरासत में लेकर गई तब क्या हुआ.. जानिए 

80 के दशक में क्राइम रिपोर्टिंग करते थे संजय राउत
संजय राउत ने लोकप्रभा पत्रिका से अपने करियर की शुरुआत की थी. 80 के दशक में वो क्राइम रिपोर्टिंग किया करते थे और उन्हें अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग का एक्सपर्ट माना जाता था. दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और अंडरवर्ल्ड पर लिखी उनकी रिपोर्ट्स की मुंबई में खूब चर्चा हुआ करती थी. 

दाऊद इब्राहिम को लगाई थी फटकार
क्राइम रिपोर्टिंग करने वाले राउत की खबरों का सूत्रधार हुआ करता था दाऊद. चर्चा यह भी है कि दाऊद इब्राहिम कई बार संजय राउत को खबरें देने के लिए एक्सप्रेस टॉवर आया करता था. यह 1993 ब्लास्ट में उसका नाम आने से कई साल पहले की बात है. 16 जनवरी 2020 को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में संजय राउत ने खुद यह कबूला था कि दाऊद इब्राहिम से उनकी मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा था, 'दाऊद इब्राहिम को मैंने देखा था, उससे बात भी की है और एक बार तो उसे फटकारा भी लगाई थी.

29 साल में 'सामना' के कार्यकारी संपादक बने
रिपोर्टिंग में कद बढ़ने के साथ ही संजय राउत बालासाहब ठाकरे की नजरों में भी आ गए. मातोश्री पर आना-जाना बढ़ा और बालासाहब ने सिर्फ 29 साल के राउत को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' का कार्यकारी संपादक बनने का ऑफर दिया था. 

शिवसेना की आवाज बने संजय राउत
सामना से जुड़ने के बाद संजय राउत ने अखबार में कई बड़े बदलाव किये. संपादकीय में ऐसी शिवसेना की विचारधारा से जुड़ी चीजें छपने लगी, और धीरे-धीरे यह अखबार शिवसेना या यूं कहें कि बाला साहब ठाकरे की आवाज बन गया. 

बाल ठाकरे ने करवाई राजनीति में एंट्री
सामना से जुड़ने के बाद राउत बाला साहब के करीबी लोगों में गिने जाने लगे, और धीरे-धीरे शिवसेना की इंटरनल पॉलिटिक्स का हिस्सा बन गए. राउत ने आंबेडकर कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी और तभी से छात्र राजनीति में एक्टिव थे.

2004 में शिवसेना के टिकट से राज्यसभा पहुंचे
संजय राउत साल 2004 में पहली बार शिवसेना के टिकट से राज्यसभा पहुंचे. यहां वो शिवसेना के लीडर भी थे. साल 2004 के बाद 2010, 2016 और अब 2022 में संजय राउत लगातार शिवसेना की ओर से राज्यसभा के सांसद रहे. 

MVA की सरकार बनवाने में निभाई अहम भूमिका
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की संयुक्त महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार बनवाने में भी राउत की अहम भूमिका मानी जाती है. वे एनसीपी चीफ शरद पवार के बेहद करीब माने जाते हैं, इसलिए MVA निर्माण का पूरा जिमा उद्धव ठाकरे ने संजय राउत को ही दे दिया था.

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