यूक्रेन में जारी रूसी हमलों के 11 दिन हो गए हैं और दोनों ही पक्ष हार मानने को तैयार नहीं है. आइए जानते है कि दोनों देशों के वार से भारत को कितना नुकसान होगा. यूक्रेन में जारी जंग से भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होता दिख रहा है. यूक्रेन में न केवल हजारों की तादाद में भारतीय छात्रों की जिंदगी दांव पर लगी है, बल्कि आर्थिक और रक्षा के मोर्चे पर भारत बुरी तरह से फंसा हुआ है. यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों का पसंदीदा ठिकाना हुआ करता था. इस जंग से अब न केवल हजारों भारतीय छात्रों की जिंदगी दांव पर लगी है बल्कि उनका कैरियर भी अधर में लटक गया है. इसी तरह से यूक्रेन सूरजमुखी के तेल के लिए एक बड़ा स्रोत हुआ करता था. अगर जंग जारी रहती है तो वहां किसान सूरजमुखी की खेती नहीं कर पाएंगे और भारत में खाद्य तेलों के दाम में आग लग जाएगी. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी लड़ाई शुरू हुए मात्र 11 दिन हुए हैं और भारत में खाद्य तेलों के दाम में भारी बढ़ोत्तरी हो गई है.
भारत को सबसे बड़ा नुकसान रक्षा के क्षेत्र में होने जा रहा है. साल 1963 में भारत को पहला मिग-21 फाइटर जेट मिला था. इसके बाद से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध बहुत ही मजबूत हो गए हैं। साल 2021 तक, रूस ने भारत को 70 अरब डॉलर से ज्यादा के हथियार बेचे थे. भारत का करीब 60 फीसदी मिलिट्री हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर सोवियत/रूसी तकनीक पर आधारित है. हालत यह है कि अगर रूस भारत को मदद न दे तो भारतीय सेना को जंग में लड़ना भी मुश्किल हो सकता है इसके अलावा भारत की तीनों ही सेनाओं में से एयरफोर्स रूस पर सबसे ज्यादा निर्भर है. एयरफोर्स के ज्यादातर विमान रूसी मूल के हैं, फिर चाहे वो मिग हों या फिर सुखोई. हालांकि रूस ने भारत को भरोसा दिलाया है कि रक्षा सप्लाई प्रभावित नहीं होगी.
ये भी पढ़ें: Russia-Ukraine: यूक्रेन का दावा- युद्ध में मारे गए 11 हजार से अधिक रूसी सैनिक, देखें युद्ध के Top अपडेट्स