Rahul Gandhi: हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul in US news) ने सिलिकॉन वैली इन्क्यूबेटर में आर्टफिशियल इंटेलिजेंस ( Rahul in Silicon Valley) पर आयोजित एक सभा में हिस्सा लिया था. जहां आयोजकों ने उन्हें 'लिविंग बुद्ध' ('He is like a living Buddha...) यानी कि 'जीवित बुद्ध' कहा. बता दें क्लाउड आधारित प्लेटफार्म प्रदान करने वाले स्टार्टअप फिक्सनीक्स के संस्थापक शान शंकरन (Shanmugavel Sankaran) ने कहा कि राहुल, प्रौद्योगिकी के संबंध में गहरी समझ रखते हैं. प्रौद्योगिकी पर चर्चा करते हुए उन्होंने इस 'मानवीय बताते हुए सीधे रोजगार और आम आदमी पर पड़ने वाले प्रभाव से जोड़कर देखा.
शंकरन ने कहा, 'वह कभी दावा नहीं करते कि वह सब कुछ जानते हैं. लेकिन वह हमेशा उत्सुक रहते हैं. बैठक के दौरान उन्होंने विभिन्न विषयों पर अपनी तरह की सीमाएं व्यक्त कीं, लेकिन उन्होंने हमेशा प्रौद्योगिकी के लिए अपनी जिज्ञासा दिखाई' .
बता दें फिक्सनिक्स, एक सिलिकॉन वैली-आधारित स्टार्टअप जो जीआरसी से संबंधित (शासन, जोखिम, अनुपालन) निर्णय लेने को सरल बनाने के लिए क्लाउड-आधारित मंच प्रदान करता है.
शंकरन ने बुधवार को स्टार्टअप्स के लिए सिलिकॉन वैली इनक्यूबेटर प्लग एंड प्ले में "एआई एंड ह्यूमन डेवलपमेंट: ए चैट विद राहुल गांधी" आयोजित करने में मदद की.
शंकरन के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान, गांधी ने दर्शकों से कहा कि वह बैंकिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को अपनाने पर अपने पिता और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी का अनुकरण करने की कोशिश करते है.
शंकरन ने कहा, 'वह (राहुल गांधी) देख रहे हैं कि अगर वह भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं तो नवाचार को कैसे बढ़ावा दे सकता है'
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शंकरन ने कहा कि गांधी ने यह भी संकेत दिया कि वह प्रौद्योगिकियों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय उन्हें रेगुलेट करने के पक्ष में है. "प्रौद्योगिकी को रेगुलेशन की आवश्यकता है, प्रतिबंध की नहीं.
शंकरन ने कहा कि राहुल के साथ बिताया गया समय उन्हें बताता है कि वह बहुत ही संवेदनशील हैं. वास्तव में, मैं उसे (राहुल गांधी) बुद्ध कहूंगा .... वह एक जीवित बुद्ध हैं. वह प्रधान मंत्री बन सकते थें. जब उनके पास इतना बहुमत था. वह दो बार प्रधानमंत्री बन सकते थें. वास्तव में, वह कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बने. अगर वह प्रधानमंत्री बनना चाहते तो कांग्रेस में किसी को आपत्ति नहीं की होती लेकिन उन्होंने खुद को कभी नहीं चुना.
उन्होंने कहा, 'वह एक महान बुद्ध हैं और वह इस मामले में धम्म का पालन करते हैं. कई निजी बातचीत में मैंने पाया कि उन्हें न केवल तकनीक बल्कि कई विषयों में बहुत गहरा ज्ञान है.
बता दें शंकरन के नाम पर 17 प्रोविजनल पेटेंट हैं. उन्होंने कहा, "मैं अपने भविष्य के सपनों को बनाने के लिए यहां आया हूं, और अधिक नवाचार करना जारी रखता हूं, देखें कि मेरा नवाचार समाज की मदद कैसे कर सकता है.