Punjab News: पंजाब सरकार (Punjab Government) को पराली जलाने से रोकने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह (Gurminder Singh) ने कहा कि पंजाब सरकार भी पराली जलाने के मुद्दे को लेकर काफी चिंतित है. पंजाब सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे और दिए गए सुझावों में मुझे राज्य सरकार की ओर से सबसे पहले यह बताया गया कि जुताई और बुआई के लिए मशीनों की आवश्यकता होती है.
मशीनों की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए एडवोकेट सिंह ने कहा 'मशीनें सरकार अपनी योजना के तहत उपलब्ध करा रही है और हर साल 25,000-27,000 मशीनें किसानों को दी जा रही हैं और इसका 50% लागत सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन की जाती है. सरकार सामूहिक केंद्रों पर 80% तक सब्सिडी भी दे रही है'.
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इसके आगे एडवोकेट सिंह ने कहा सरकार सामूहिक केंद्रों पर 80% तक सब्सिडी भी दे रही है. हमने यह भी सुझाव दिया कि यदि हम इस अभ्यास को बिल्कुल मुफ्त करना चाहते हैं, तो दिल्ली और पंजाब दोनों सरकारों को 25% का भुगतान करने के लिए तैयार रहना चाहिए. यदि केंद्र सरकार लागत का 50% भुगतान करता है, तो यह सुविधा किसानों के लिए बिल्कुल मुफ्त की जा सकती है.
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में लगातार जहर घुल रहा है. पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के फटकार लगाई थी और कहा था कि राजनीति बंद कर जरूरी कदम उठाएं. कोर्ट ने यह भी कहा था कि हर हाल में पराली जलाना तत्काल बंद हो, लोगों को यूं मरने नहीं दे सकते.