West Bengal Panchayat Election: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के लिए वोटिंग खत्म हो गई है. शनिवार को यहां वोटिंग के दौरान जबरदस्त हिंसा देखने को मिला. भारी सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद अलग-अलग जगहों पर हुई हिंसक झड़प (Violence) में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. जबकि कुछ जगहों पर बूथ कैप्चरिंग से लेकर बन्दूक लहराने तक का वीडियो सामने आया है.
कूचबिहार में एक पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ और बैलेट पेपरों को आग लगाने की घटना सामने आई है. जबकि कुछ मतपेटियों को उपद्रवियों ने तलाब में फेंक दिया. भारतीय जनता पार्टी ने हिंसा और गुंडों द्वारा मत पेटी लेकर भागने का वीडियो जारी किया है. पार्टी ने राज्य के सत्ता में आसीन तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) के सरकार पर हमला करते हुए कहा है, ‘ये पार्टी लोकतंत्र में हिंसा का उदहारण बन चुकी है.’
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मरने वालों में टीएमसी, BJP और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं. इसके अलावा हिंसा की चपेट में आने से एक निर्दलीय पार्टी के समर्थकों की भी मौत हो गई है. जिसकी अभी पहचान नहीं हो सकी है. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मांग की कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
उन्होंने कहा कि ‘‘राज्य सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न होना बहुत मुश्किल है. यह तभी संभव है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये या अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल किया जाये. दूसरी ओर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी के ‘गुंडे’ खुलेआम घूम रहे हैं और लोगों का जनादेश लूट लिया गया है.
वहीं माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया कि ‘‘हथियारों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है और इन सभी घटनाओं के पीछे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का हाथ है. उन्होंने चुनाव के दिन व्यवधान पैदा करने और मतपेटियों की लूट के इरादे से पहले ही इसकी साजिश रच ली थी. लेकिन मुझे यह देखकर खुशी है कि कुछ जगहों पर लोगों ने इसका विरोध किया.
बता दें कि राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, 22 जिलों की 63,229 ग्राम पंचायत सीटों, पंचायत समिति की 9,730 सीटों और जिला परिषद की 928 सीटों पर चुनाव प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लगी है. चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे.