Delhi Water Crisis: जिस देश के नेता दुनियाभर में 5 ट्रिलियन इकॉनमी की बात करते हों अगर उस देश की राजधानी में पानी के लिए मारा-मारी जैसे हालात पैदा हो जाएं तो शर्म आती है. हर दिन की तरह आज भी दिल्ली के कई इलाके टैंकरों के सहारे हैं. इस बीच राजनीतिक पार्टियां जनता के आंसुओं पर पॉलिटिक्स करने में लगी हैं. AAP, BJP, कांग्रेस सब एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहे हैं. आज बीजेपी में AAP के खिलाफ मटका फोड़ रही है.
किस जगह से दिल्ली को मिलता है कितनी पानी?
दिल्ली में पानी की आपूर्ति यमुना नदी से (हरियाणा की तरफ से), गंगा नदी से (उत्तर प्रदेश की तरफ से) और भाखरा नांगल (पंजाब से) होता है. 2023 की एक रिपोर्ट की अगर बात करें तो दिल्ली को को हर दिन यमुना से करीब 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से करीब 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा नांगल से करीब 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था. यानी 2023 में दिल्ली को कुल 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था. जबकि 2024 में ये आंकड़ा 96.9 करोड़ गैलन हो गया है.
राजधानी में क्यों गहराया जल संकट ?
दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार राजधानी दिल्ली को प्रति दिन 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत होती है. दिल्ली में भू-जल स्तर काफी नीचे जा चुका है. इसलिए यहां पानी की किल्लत हो गई है.
हिमाचल और दिल्ली का क्या है विवाद?
अदालत ने हिमाचल सरकार को अतिरिक्त पानी दिल्ली के लिए तुरंत छोड़ने का आदेश दिया था. हरियाणा सरकार को भी ये कहा गया कि इस पानी को दिल्ली तक पहुंचाया जाए. हिमाचल सरकार की तरफ से दावा किया गया कि पानी छोड़ दिया गया है. हालांकि बाद में अदालत में हिमाचल सरकार पलट गयी और कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है.
दिल्ली जल बोर्ड का क्या है काम?
दिल्ली जल बोर्ड अधिनियम, 1998 के तहत दिल्ली जल बोर्ड का गठन किया गया था. दिल्ली में पीने के पानी के उत्पादन और वितरण के लिए यह उत्तरदायी है. बोर्ड राजधानी में अपशिष्ट जल/सीवेज के संग्रहण, उपचार और निपटान के लिए भी जिम्मेदार है. दिल्ली के अधिकतर हिस्सों में इसके मार्फत ही जल की आपूर्ति होती है.
ये भी पढ़ें: Delhi Water crisis: कांग्रेस के 'मटका फोड़' प्रदर्शन के बीच AAP ने हरियाणा से मांगा अतिरिक्त पानी