बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने विपक्षी पार्टियों को धरना प्रदर्शन करने से रोकने पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया था. बीजेपी के आलोचना करने के एक दिन बादव उन्होंने प्रमुख विपक्षी दल के तौर काम करने को लेकर सपा की क्षमता पर भी सवाल उठाए. मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर सपा पर निशाना साधा. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "भाजपा की घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी नीतियों आदि के खिलाफ उत्तर प्रदेश की सेक्युलर शक्तियों ने सपा को वोट देकर यहां प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बना दिया, किन्तु यह पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर देने में विफल साबित होती हुई साफ दिख रही है, क्यों?"
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "यही कारण है कि भाजपा सरकार को यूपी की करोड़ों जनता के हित व कल्याण के विरुद्ध पूरी तरह से निरंकुश व जनविरोधी सोच व कार्यशैली के साथ काम करने की छूट मिली हुई है. विधान सभा में भी भारी संख्या बल होने के बावजूद सरकार के विरुद्ध सपा काफी लाचार व कमजोर दिखती है, अति चिंतनीय."
इससे पहले मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, "विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना बीजेपी सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है. साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी और विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक."
इस बीच उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटीं मायावती पिछले कुछ दिनों से बीजेपी की बी टीम वाले नेरेटिव को लेकर अत्यधिक सतर्क हो गई हैं. वह इस नेरेटिव को तोड़ने के साथ-साथ जनता को यह संदेश देना चाहती हैं कि यूपी में बीजेपी से यदि कोई लड़ सकता है तो वो बसपा ही है.
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