देश के सबसे बड़े सूबे यूपी (UP) में पुलिस हिरासत में हुई मौतों पर लगातार सवाल उठते रहते हैं. लेकिन अब एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह बहस और तेज हो गई है. दरअसल संसद में पेश हुई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले दो सालों में पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा मौत यूपी में होने का खुलासा हुआ है. इसके बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार पर हमला बोला है. साथ ही अखिलेश ने पुलिस हिरासत में मौत को हत्या के बराबर बताया है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, "पुलिस की हिरासत में मौत होना दरअसल हत्या के बराबर होता है. इस मामले में उप्र का नंबर वन होना एक ऐसी नकारात्मक उपलब्धि है, जो उप्र की भाजपा सरकार के लिए किसी कलंक से कम नहीं. उस पर विडंबना ये है कि इसके ख़िलाफ जो पुलिस के पास जाएगा वो भी इस आँकड़े का हिस्सा बन सकता है. शर्मनाक!"
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गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार को लोकसभा में पेश इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पिछले दो साल में हिरासत में होने वाली कुल मौतों की संख्या 4484 है, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश और फिर पश्चिम बंगाल में हुई हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि सिर्फ यूपी में 2021-22 में हिरासत में कुल 501 मौतें हुईं, जबकि इससे पहले यानी 2020-21 में हिरासत में मौत के 451 मामले दर्ज किए गए. यूपी के बाद पश्चिम बंगाल और फिर मध्य प्रदेश का नंबर है. वहीं देश भर में 2021-22 में हिरासत में हुई मौतों का आंकड़ा 2544 है, जबकि 2020-21 में यह संख्या 1940 थी.
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