उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल यादव का साथ आना बीजेपी के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है. पांच साल के कड़वे मतभेद के बाद आखिरकार अखिलेश-शिवपाल के रिश्तों पर जमी जमी बर्फ पिघली और अखिलेश अपने चाचा के घर गए. दोनों के बीच बढ़ती नजदीकियों ने राजनीति गलियारों में सियासी पारे को भी खूब बढ़ाया. ख़बर है कि चाचा-भतीजे के बीच अनबन को दूर करने में मुलायम सिंह यादव ने अहम भूमिका निभाई. संगठन में शिवपाल यादव की अच्छी पैठ मानी जाती है और जाहिर तौर पर वो प्रदेश की राजनीतिक फसल काटने में अखिलेश के लिए गेंम चेंजर की भूमिका निभा सकते हैं.
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