केंद्रीय मंत्रियों समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने 1975 में आपातकाल लगाने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और संविधान की अवहेलना करने के लिए मुख्य विपक्षी पार्टी से माफी की मांग की.
संवैधानिक संस्थाओं पर कथित हमले को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा अक्सर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार को निशाना बनाया जाता रहा है.इसबीच, भाजपा ने कांग्रेस को एक बार फिर आपातकाल के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है.इस क्रम में सत्तारूढ़ गठबंधन (NDA) ने 25 जून को आपातकाल की 49वीं बरसी की पृष्ठभूमि में आपातकाल के मुद्दे पर देशव्यापी कार्यक्रमों की भी शुरुआत की है.आपातकाल लगाए जाने की निंदा करने वाला प्रस्ताव पढ़े जाने और संविधान पर हमले को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आलोचना किये जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही सदन की कार्यवाही स्थगित की, बड़ी संख्या में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसद हाथों में तख्तियां लेकर संसद भवन परिसर में नारे लगाने लगे.
इस दौरान उन्होंने ‘आपातकाल के लिए कांग्रेस शर्म करो’ और ‘आपातकाल के लिए माफी मांगो’ के नारे लगाए.प्रदर्शन में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रह्लाद जोशी, किरेन रीजीजू और जनता दल (यूनाइटेड) के ललन सिंह सहित अन्य सांसद शामिल हुए.भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘संविधान बचाने की बात करने वालों और उसकी प्रति हाथ में रखने वालों को आईना दिखाना जरूरी है। ये वही लोग हैं जिन्होंने संविधान को मिटाने की कोशिश की थी.इसलिए हम यह नारा सुन रहे हैं - राहुल गांधी 'माफी मांगो'.
’’इस दौरान कई सांसद राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे.जद(यू) सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपातकाल लगाकर संविधान को टुकड़े-टुकड़े करने वाली पार्टी को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) की दादी इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था.आज संविधान के बारे में बात करने का उन्हें क्या अधिकार है? क्या उन्हें संविधान के बारे में चर्चा करने का भी अधिकार है.’’
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और गजेंद्र सिंह शेखावत भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आपातकाल पर प्रस्ताव लाने के लिए बिरला की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आवश्यक था.