Shiv Sena Symbol: शिवसेना (Shiv Sena) के उद्धव ठाकरे गुट ने शनिवार को निर्वाचन आयोग के दोनों गुटों पर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह ‘तीर-कमान’ के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाए जाने का विरोध किया है और इसे ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया है. जून में शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद ठाकरे और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), दोनों गुट खुद को असली शिवसेना बताते हुए ‘पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह’ को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था और इसके उपयोग की अनुमति मांगी थी.
लेकिन अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले शनिवार को एक अंतरिम आदेश में निर्वाचन आयोग ने ‘शिवसेना और तीर-कमान’ के उपयोग पर ही रोक लगा दी. दोनों गुट अब इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. इस पर ठाकरे गुट का कहना है कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने की जगह फैसला देना चाहिए था क्योंकि ये हमारे साथ ‘अन्याय ’ है.
शिवसेना के नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा. ट्वीट किया, ‘‘खोखेवाले गद्दारों ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है. हम लड़ेंगे और जीतेंगे. हम सच के साथ हैं. सत्यमेव जयते!’’ बता दें कि आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते वक्त ठाकरे गुट को शिवेसना कर दिया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई. फिर आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने ट्वीट को डिलिट करके नया ट्वीट किया. आदित्य ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हरिबंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ भी पोस्ट की है.
जबकि शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है. शिंदे गुट का कहना है कि निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने ये सही फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कांग्रेस (Congress) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ गठबंधन करके शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे (Bal Thackeray) की विचारधारा को त्याग दिया है.