Sharad Yadav Profile: जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) ने 75 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. चार बार बिहार के मधेपुरा सीट से सांसद रहे शरद यादव का सियासी सफर छात्र राजनीति से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने तक काफी दिलचस्प रहा है. यहां जानिए इंजिनियरिंग की पढ़ाई से पहली बार कब संसद भवन पहुंचे और कैसे एक बड़े नेता के तौर पर लोगों के बीच लोकप्रिय हुए.
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1 जुलाई 1947 को एक किसान परिवार में जन्म
1971 में जबलपुर में इंजिनियरिंग की कर रहे थे पढ़ाई
यहां शरद यादव छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए
राम मनोहर लोहिया के विचारों से थे खासा प्रभावित
लोहिया के आंदोलनों में हिस्सा लेने के दौरान कई बार हुए अरेस्ट
1974 में पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा
जेपी ने उन्हें जबलपुर से अपना पहला उम्मीदवार बनाया था
इस सीट पर जीत हासिल कर पहली बार संसद भवन पहुंचे
इसके बाद साल 1977 में भी वे इसी सीट से सांसद चुने गए
उन्हें युवा जनता दल का अध्यक्ष भी बनाया गया
इसके बाद वे साल 1986 में राज्यसभा के लिए चुने
1989 में यूपी की बदायूं लोकसभा सीट से चुनाव जीता
1989-90 तक केंद्रीय मंत्री रहे, टेक्सटाइल-फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय का जिम्मा मिला
1991 में बिहार के मधेपुरा लोकसभा सीट से सांसद बने
1996 में 5वीं बार सांसद बने, 1997 में जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने
1999 में उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया
2001 को वह केंद्रीय श्रम मंत्रालय में मंत्री बने
2004 में दूसरी बार राज्यसभा सांसद और 2009 में 7वीं बार सांसद बने
2014 के लोकसभा चुनाव में मधेपुरा सीट से हार मिली