Rajasthan politics: राजस्थान में मचे घमासान के बाद सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को संदेश देने की कोशिश की है. उन्होने कहा है कि राजस्थान के विधायक डरे सहमे हुए हैं. आपको बता दें कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान रहेंगे या नहीं ये फैसला सोनिया गांधी को करना है. इसी बीच गहलोत ने राजस्थान में हुई बगावत को लेकर आलाकमान तक मैसेज पहुंचाने की कोशिश की है. मीडिया के सवालों के जवाब में गहलोत ने कहा कि वो अपना काम कर रहे हैं और आलाकमान को आगे फैसला करना है. गहलोत ने कहा- "मैंने सोनिया गांधी से कहा कि 50 साल में पहली बार मैंने देखा कि हम एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाए. जबकि वह हमारी ड्यूटी थी, लेकिन यहां पर यह स्थिति क्यों बनी, इस पर रिसर्च की जरूरत है. यह नौबत क्यों आई कि यहां के विधायक मेरी बात मानने को ही तैयार नहीं थे. स्पीकर के पास इस्तीफा देकर आ गए! शायद उन्हें डर था कि अब अगला दिल्ली जा रहा है हमें किस के भरोसे छोड़ कर जा रहा है?"
पायलट की बगावत का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि, "मैंने पहली बार माफी मांगी. मोदी सरकार हमेशा कोशिश करेगी कि कैसे सरकार गिरा दें, हमारे विधायक को अमित शाह ने मिठाई खिलाई थी. 10 करोड़ का रेट था, बाद में 10, 20, 50 करोड़ की बात होने लगी. मैं रहूं या नहीं रहूं, यह अलग बात है, मैं विधायकों का अभिभावक हूं. आज दो-चार विधायक मेरे खिलाफ बोल भी देते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता हूं.''
सीएम गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए खड़गे को बेहद अनुभवी बताते हुए कहा कि शशि थरूर से उनकी तुलना नहीं की जा सकती. गहलोत ने कहा कि शशि थरूर भी अच्छे हैं, लेकिन एलीट क्लास के हैं. संगठन का अनुभव जितना खड़गे जी के पास है उतना थरूर के पास नहीं है. जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि पीसीसी के डेलीगेट्स भी खड़गे जी से अपने आप को कनेक्ट करेंगे. क्योंकि वो भी संगठन को समझते हैं.