साल 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots 2002) से जुड़े मामले में नरेंद्र मोदी को 'सुप्रीम' राहत मिली है. तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी (PM MODI) को क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ दर्ज की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया है. ये याचिका जकिया जाफरी ने दाखिल की थी. जकिया जाफरी के पति और सांसद एहसान जाफरी (Ehsan Jafri) की इन दंगों में मौत हुई थी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा कि जाकिया की याचिका में मेरिट नहीं है.
वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस और लेफ्ट पर जमकर निशाना साधा गया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने कहा कि जाकिया जाफरी को कांग्रेस और लेफ्ट का समर्थन हासिल था. लेफ्ट गैंग पीएम मोदी के पीछे पड़ी थी. पीएम मोदी के खिलाफ फर्जी कैंपेन चलाया गया.
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कौन थें एहसान जाफरी?
बता दें, 72 साल के एहसान जाफरी कांग्रेस नेता और सांसद थे. उन्हें उत्तरी अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी के उनके घर से निकालकर गुस्साई भीड़ ने मार डाला था. गोधरा कांड के बाद 2002 में गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. उपद्रवियों ने पूर्वी अहमदाबाद स्थित अल्पसंख्यक समुदाय की बस्ती 'गुलबर्ग सोसाइटी' को निशाना बनाया था. इसमें एहसान जाफरी समेत 69 लोग मारे गए थे.
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