ओडिशा के बालासोर में भीषण रेल हादसे की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है और अब इसे लेकर सियासी बवाल भी शुरू हो गया है. पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी पर साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह घटना टीएमसी की साजिश है.
ये CBI जांच (CBI investigation) से इतना क्यों घबरा रहे हैं जबकि ये घटना दूसरे राज्य की है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने पुलिस की मदद से दोनों रेलवे अधिकारियों के फोन टैप किए. इन लोगों को रेलवे के दो अधिकारियों की बातचीत का पता कैसे चला? बातचीत कैसे लीक हो गई. सुवेंदु ने कहा कि सीबीआई जांच में यह आना चाहिए, नहीं आया तो कोर्ट जाऊंगा.
इस बीच, भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने शवों की पहचान के लिए अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे लोगों के डीएनए नमूने लेने शुरू कर दिए हैं. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शवों की पहचान का दावा करने वालों में से अब तक 10 लोगों के डीएनए के नमूने एकत्र किए गए हैं. उन्होंने कहा कि शवों को अब पांच कंटेनरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां उन्हें लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकता है.
अधिकारी ने कहा कि डीएनए नमूने लेने के बाद शवों को उचित लोगों को सौंपने या फिर उनका अंतिम संस्कार करने की अब कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए क्योंकि उन्हें छह महीने तक कंटेनर में रखा जा सकता है.
एम्स में करीब 123 शव आए थे, जिनमें से लगभग 64 की पहचान कर ली गई है. मृतकों में से अधिकतर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के अलावा ओडिशा के रहने वाले हैं.