गुरुवार को पीएम मोदी (PM Modi) से ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) की मुलाकात और फिर उनके बयान ने विपक्षी एकजुटता मिशन पर सवाल खड़े कर दिए. हालांकि पीएम से मुलाकात पर पटनायक ने कहा कि ओडिशा के विकास कार्यों को लेकर उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की और पीएम ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है. लेकिन, थर्ड फ्रंट को लेकर पटनायक का बयान चर्चा का विषय बन गया.
मीडिया से बातचीत के दौरान पटनायक बोले कि फिलहाल तीसरे मोर्चे की संभावना नहीं है. साथ ही जब उनसे ये पूछा गया कि क्या बीजू जनता दल चुनावों में अकेली उतरेगी तो उन्होंने कहा कि "हमेशा ऐसा ही होता रहा है." ऐसे में पटनायक का बयान गुरुवार को ही मुंबई में शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मिलकर साथ चुनाव लड़ने की बात कहने वाले नीतीश कुमार और विपक्षी एकजुटता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. नीतीश हाल ही में पटनायक से भी मिले थे, तब भी पटनायक ने उसे बस एक शिष्टाचार मुलाकात बताया था और विपक्षी एकजुटता या 2024 चुनाव को लेकर कोई बात नहीं की थी, और पीएम से मुलाकात कर उन्होंने एक नई सियासी बहस छेड़ दी है, जो आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता में सेंध का काम कर सकती है.
बता दें कि विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे बिहार के सीएम नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ गुरुवार को ही मुंबई में पहले पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और फिर NCP चीफ शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की. मीडिया से बातचीत के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि जो भाजपा कर रही है वह देशहित में नहीं है।ऐसी स्थिति में अधिक से अधिक विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए जो देश के लिए बेहतर होगा.’’उन्होंने कहा कि वह कई पार्टियां उनके संपर्क में हैं और अब मैं कह सकता हूं कि जो भी हो रहा है वह राष्ट्रहित में है.