प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) ने बुधवार दोपहर को एनसीपी के कद्दावर नेता नवाब मलिक(Nawab Malik) को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया. पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 3 मार्च तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है. ईडी ने कोर्ट से मलिक की रिमांड के लिए 14 दिन की हिरासत मांगी. लेकिन कोर्ट ने ईडी को 8 दिन की रिमांड दी. नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बीजेपी ने नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग की है. वहीं दूसरी तरफ शरद पवार ने इस मामले पर एनसीपी के सीनियर नेताओं और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के मंत्रियों अजीत पवार, छगन भुजबल, हसन मुशरिफ, दिलीप पाटिल और राजेश टोपे के साथ अपने घर सिल्वर ओक पर बैठक की.
इस बैठक में नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लेने का फैसला किया गया. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि इस्तीफे का सवाल ही नहीं है. उन्हें गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया. उन्हें विपक्ष पर हमला करने की सजा मिल रही है. केंद्र सरकार हमारी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ममता बनर्जी ने नवाब मलिक की गिरफ्तारी को लेकर शरद पवार से फोन पर बातचीत की. उन्होंने सुझाव दिया कि एनसीपी को नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लेना चाहिए. वही बीजेपी के केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लेकर उनका सपोर्ट नहीं बल्कि दाऊद इब्राहिम का सपोर्ट कर रही हैं.
बता दें कि ईडी ने दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक को गिरफ्तार करने से पहले उनसे लंबी पूछताछ की थी. कुछ महीनों पहले देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि नवाब मलिक और अंडरवर्ल्ड का कनेक्शन काफी पुराना है. उन्होंने साल 1993 बम धमाकों के दो आरोपियों से कुर्ला इलाके में तकरीबन तीन एकड़ जमीन खरीदी थी.