मणिपुर में जारी हिंसा के बीच वहां के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने राज्यापाल अनुसुइया उइके से राजभवन में मुलाकात का वक्त मांगा है. यदि मुख्यमंत्री इस्तीफा सौंपते हैं तो केंद्र के पास राष्ट्रपति शासन लागू करने का भी विकल्प है.
इस तरह की अटकलें हैं कि केंद्र इस बारे में विचार कर रहा है. राज्य के नौ विधायकों ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. विधायकों ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुके हैं.
मणिपुर में करीब दो महीने से हिंसा जारी है. कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी गुरुवार से दो दिनों के लिए मणिपुर के दौरे पर हैं.
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी भी राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं. राहुल अभी हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर रहे हैं.
बात मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की करें तो उनके खिलाफ पार्टी के अंदर भी नाराजगी बढ़ने लगी थी. विधायकों ने तो पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिखकर उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. उनपर आदिवासी विरोधी एजेंडे को बढ़ाने के आरोप लग रहे हैं.
मणिपुर में मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है.
इसके खिलाफ बीती तीन मई को हिंसा भड़की थी और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं. हजारों लोगों को हिंसा की वजह से विस्थापन झेलना पड़ा है और राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है. केंद्र सरकार ने मणिपुर में जारी हिंसा पर बीते दिनों सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी और राजनीतिक पार्टियां भी मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं.
केंद्र सरकार की कई कोशिशों के बाद भी राज्य में शांति व्यवस्था बहाल नहीं हो पा रही है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग उठ रही थी और अब जब सीएम राज्यपाल से मुलाकात करने जा रहे हैं तो उनके इस्तीफे की अटकलों को बल मिल गया है.