Mahua Moitra: लोकसभा से निष्कासित TMC नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को ईडी (Enforcement Directorate) ने एक बार फिर तलब किया है. महुआ मोइत्रा को फेमा (FEMA) मामले में 11 मार्च को फिर पेश होने के लिए कहा गया है.
दिल्ली HC से भी लगा झटका
वहीं, महुआ मोइत्रा को दिल्ली हाई कोर्ट से भी झटका लगा है. हाईकोर्ट ने रिश्वतखोरी के आरोपों पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए डिजाइन किए गए अपमानजनक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयानों को प्रकाशित करने और प्रसारित करने से मीडिया संगठनों, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को स्थायी रूप से रोका जाए. लेकिन कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया.
महुआ मोइत्रा ने याचिका में क्या मांग की थी?
लोकसभा से निष्कासित TMC नेता ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए डिजाइन किए गए अपमानजनक, झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयानों को प्रकाशित करने और प्रसारित करने से मीडिया संगठनों, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को स्थायी रूप से रोका जाए. उन्होंने हाई कोर्ट से देहाद्राई को दुबे को लिखे 14 अक्टूबर, 2023 के पत्र को वापस लेने का निर्देश देने की भी मांग की थी.
TMC नेता के वकील ने अदालत को बताया था, 'महुआ मोइत्रा को दर्शन हीरानंदानी से कुछ उपहार मिले थे, क्योंकि वे दोस्त हैं और ये उपहार संसद में प्रश्न पूछने के बदले में नहीं थे. महुआ का लॉगिन क्रेडेंशियल किसी तरह के लाभ के बदले में हीरानंदानी को दिया गया था, ये पूरा दावा ही मानहानिकारक है. देहाद्राई और दुबे अब भी मेरे क्लाइंट खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगा रहे हैं'.
देहाद्राई और दुबे ने कोर्ट में क्या तर्क दिए?
निशिकांत दुबे ने अपने वकील अभिमन्यु भंडारी के माध्यम से दिल्ली कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता (महुआ मोइत्रा) ने खुद मीडिया में दर्शन हीरानंदानी को अपनी ससंदीय लॉगिन आईडी और पासवर्ड साझा करने की बात स्वीकार की थी. जय अनंत देहाद्राई ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष के माध्यम से दिल्ली हाई कोर्ट को बताया किया कि 14 अक्टूबर के उनके पत्र में सच्चाई की झलक थी. क्योंकि लोकसभा की एथिक्स कमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि महुआ मोइत्रा द्वारा दर्शन हीरानंदानी से अवैध लाभ स्वीकार करने के आरोप स्पष्ट और निर्विवाद रूप से स्थापित हुए हैं. वेस्ट बंगाल की कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ को कैश फॉर क्वेरी के आरोप में 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
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