NCP प्रमुख शरद पवार के मुंबई स्थित घर यानी 'सिल्वर ओक' अपार्टमेंट के बाहर स्टेट ट्रांसपोर्ट (ST) के कर्मचारी उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. कर्मचारी लगातार नारेबाजी कर रहे हैं और कुछ ने घर पर पथराव भी किया है, पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज भी किया. महिलाओं सहित बड़ी संख्या में नाराज राज्य परिवहन कर्मचारियों ने पहले राज्य सरकार के साथ एमएसआरटीसी के विलय की मांग को लेकर शोर-शराबा किया और महा विकास अघाड़ी और पवार के खिलाफ नारे लगाए. इसके बाद उन्होंने पवार के घर पर पथराव किया.
कर्मचारियों के छोटे-छोटे समूह सिल्वर ओक बिल्डिंग में हाई सिक्योरिटी वाले पवार आवास की ओर भागते हुए देखे गए. बैरिकेड्स तोड़े गए, जमकर नारेबाजी भी हुई और जूते-चप्पल भी फेंके. अचानक हुए ‘हमले’ से हैरान, एनसीपी सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले आंदोलनकारी राज्य परिवहन कर्मचारियों की भीड़ के बीच घर से बाहर निकली और उनसे शांत रहने और बातचीत के लिए बैठक करने की अपील की.
इस पूरे मामले पर पिता के खिलाफ प्रदर्शन होते देख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा, “मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती कर रही हूं.. कृपया शांत रहें, मेरे माता-पिता और मेरे बच्चे घर पर हैं. इस तरह का व्यवहार न करें.”
बता दें कि शरद पवार का कद महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे बड़े राजनेता के तौर पर देखा जाता है. पवार के घर के बाहर हुए इस हमले ने एनसीपी सहित सत्ताधारी गठबंधन में शामिल शिवसेना और कांग्रेस को भी हैरान कर दिया है.
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अब एक नजर डालते हैं उस मुद्दे पर जिसे लेकर कर्मचारियों ने ऐसा उग्र प्रदर्शन किया. कर्मचारी चाहते हैं कि MSRTC का राज्य सरकार में विलय कर दिया जाए ताकि डिपार्टमेंट आर्थिक संकट से बाहर आ सके और उन्हें वक्त रहते सैलरी मिल सके. इसी मांग पर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों ने अक्टूबर 2021 में हड़ताल शुरू की थी. सरकार तनख्वाह बढ़ाने पर तो राजी हुई लेकिन विलय पर सहमत नहीं हुई. इसके बाद ही, पिछले करीब 6 महीने से अलग अलग गुटों का आंदोलन जारी है. कुछ कर्मचारी काम पर लौट भी गए. जो लोग काम पर नहीं लौटे, उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई.
ये मामला कोर्ट में गया तो बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक काम पर लौटने को कहा. राज्य सरकार ने कोर्ट में कर्मचारियों पर दर्ज मामले वापस लेने का भरोसा भी दिया लेकिन कर्मचारियों का एक गुट विलय की मांग को लेकर अड़ा रहा. उनका मानना है कि इस मांग के रास्ते में शरद पवार (Sharad Pawar) और अजित पवार (Ajit Pawar) आ रहे हैं. इसी बात से नाराज होकर कर्मचारियों का एक गुट मुंबई में शरद पवार के निवास सिल्वर ओक पहुंचा और प्रदर्शन किया.
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