Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को बड़ी हलचल देखने को मिली. करीब 15 दिन पहले अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल होने वाले भतीजे अजीत पवार अचानक चाचा के पैर पकड़कर आशीर्वाद लेने पहुंच गए. दिलचस्प बाद यह भी रही कि साथ में प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल के अलावा कई विधायक भी थे, जो कभी सियासत में एक कदम बढ़ाने से पहले शरद पवार (sharad pawar)की इजाजत लिया करते थे.
वाईबी चव्हाण सेंटर में हुई इस मुलाकात के बाद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हम शरद पवार का आशीर्वाद लेने आए हैं. हमारे सभी मंत्री बिना समय मांगे यहां आए हैं. हमने उनसे अनुरोध किया है कि वह फैसला करें कि एनसीपी (ncp) कैसे एकजुट रह सकती है. हालांकि, पवार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
इस बारे में जब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से बात की गई तो उन्होंने कहा,'मुझे नहीं पता कि वे (अजित पवार और अन्य मंत्री) उनसे (शरद पवार) मिलने गए थे या नहीं. सालों तक शरद पवार उनके नेता रहे हैं, इसलिए वे उनसे मिलने गए होंगे. इसमें और कुछ नहीं होना चाहिए.
गौरतलब है कि 2 जुलाई को महाराष्ट्र की राजनीति में अचानक नया मोड़ आया था. अजित के नेतृत्व में एनसीपी के दिग्गज नेताओं ने पार्टी से बगावत कर दी थी और एनडीए में शामिल हो गए थे. अजित समेत 9 विधायक सरकार में शामिल हो गए थे. अजित डिप्टी सीएम बने थे.
दो दिन पहले अजित पवार अपने चाचा शरद पवार के घर भी गए थे. वहां शरद पवार के साथ बहन सुप्रिया सुले से भी मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई थीं.
जून 2022 में महाविकास अघाड़ी (mahavikas aghari) सरकार को तब बड़ा झटका लगा था, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना(shiv sena) विधायकों ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे (cm uddhav thakrey)के खिलाफ बगावत कर दी थी. पार्टी में फूट के बाद उद्धव को इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे सीएम बनाए गए थे. जबकि देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बन गए थे.