Mukhtar Ansari: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में तबियत बिगड़ने और बांदा मेडिकल अस्पताल में मौत पर सवाल खड़े किये हैं उनका कहना है कि परिवार ने जहर देने की बात कही है इसकी निष्पक्ष न्यायिक जांच जरूरी है.
ओवैसी के मुताबिक परिवार ने जेल में मारने की साजिश का शक जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट को यूपी की सरकार ने बताया था कि उनकी हिफाजत की जाएगी. लेकिन एक सजायाफ्ता कैदी के रूप में उनकी मौत हुई. उन्हें जब 24 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर जेल से अस्पताल ले गए थे तो उन्हें किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं होने पर जैसे तैसे इलाज कर वापस बांदा जेल भेज दिया गया. उन्होने कहा कि
सजायाफ्ता कैदी की जेल में मौत की न्यायिक जांच की मांग कैसे गलत हो सकता है? जान चली गई इसमें पॉलिटिक्स क्या है? परिवार ने पहले ही जहर देने की आशंका जताई थी सुप्रीम कोर्ट में ये मामला चल रहा है. जब किसी कैदी के परिवारवाले ये कह रहे हैं तो इसपर ध्यान देना जरूरी है. परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में भी ये कही थी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मुख्तार अंसारी का परिवार सुप्रीम कोर्ट गया और परिवार ने आशंका जताई थी कि मुख्तार अंसारी को जेल के अंदर मार दिया जाएगा. तब यूपी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जेल में उसकी देखरेख की जाएगी। अब उनका परिवार कह रहा है कि उन्हें जहर दिया गया है और उनके भाई ने कहा कि जिस जेल से अस्पताल लेकर गए वहां पर उचित चिकित्सा सुविधा नहीं थी और फिर उन्हें अस्पताल से एक या दो दिन के अंदर जेल भेज दिया गया। जिससे उनकी मौत हो गई इसलिए मैं चाहूंगा कि इसकी सही से जांच हो"