गुजरात चुनाव (Gujarat Election) की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है. मुकाबला उतना ही दिलचस्प होता चला जा रहा है. कभी राज्य में सिर्फ दो मुख्य पार्टियों बीजेपी (BJP)और कांग्रेस (Congress) में होने वाले मुकाबले के बीच आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने आकर चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है. करीब 27 साल से सत्ता में बैठी बीजेपी जहां सत्ता को रिपीट करने की कोशिश में जुटी है. वहीं पिछले 27 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस अपना वनवास खत्म करने की जद्दोजहद कर रही है. लेकिन इन दोनों की पार्टियों की मुसीबत बढ़ाने का काम आम आदमी पार्टी कर रही है. सियासी जानकारों की माने तो केजरीवाल बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं.
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केजरीवाल के लिए बीजेपी का 'मिशन जीरो'
सियासी सूत्रों की माने तो एक तरफ जहां बीजेपी खुद की जीत के लिए मिशन 150 चला रही है, वहीं केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को रोकने के लिए मिशन जीरो पर पूरा दमखम लगा रही है. हाल ही में न्यूज चैनल आजतक को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने खुद कहा कि आम आदमी पार्टी का गुजरात में खाता तक नहीं खुले इसके लिए प्रयास किए जाएंगे यानि बीजेपी आम आदमी पार्टी को सिर्फ इस चुनाव में ही नहीं बल्कि आने वाले वक्त के लिए भी बड़ी चुनौती मानकर रही है. यही वजह है कि बीजेपी नहीं चाहती कि केजरीवाल गुजरात में दिल्ली मॉडल के नाम पर एक भी सीट जीतें.
साख पर मोदी-शाह की प्रतिष्ठा !
सियासी जानकार मानकर चल रहे हैं कि लंबे वक्त से सत्ता में बैठी बीजेपी के लिए ये चुनाव मोदी-शाह (Modi-Shah) की प्रतिष्ठा का दांव है. इसीलिए बीजेपी 150 प्लस और 'आप' जीरो के लिए मोदी-शाह खुद रणनीति बनाने में जुटे हैं. यही वजह है कि पीएम मोदी (PM Modi) 19 नवंबर से ही 3 दिन के गुजरात दौरे पर पहुंचकर करीब 8 जनसभाओं को संबोधित करेंगे. वहीं गृह मंत्री अमित शाह टिकट बंटवारे के बीच नाराज नेताओं को मनाने में जुटे हैं.
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